रोज़ एक नई तकलीफ.. रोज़ एक नया गम, ना जाने कब ऐलान होगा की मर गए हम.

 
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रोज़ एक नई तकलीफ.. रोज़ एक नया गम, ना जाने कब ऐलान होगा की मर गए हम.