तजुर्बे ने शेरो को खामोश रहना सिखाया
क्योकि दहाड़कर शिकार नहीं किया जाता
कुत्ते भोंकते है अपने ज़िंदा होने का
एहसास दिलाने के लिए
मगर जंगल का सन्नाटा
शेर की मौजूदगी बया करता है
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तजुर्बे ने शेरो को खामोश रहना सिखाया
क्योकि दहाड़कर शिकार नहीं किया जाता
कुत्ते भोंकते है अपने ज़िंदा होने का
एहसास दिलाने के लिए
मगर जंगल का सन्नाटा
शेर की मौजूदगी बया करता है