प्रसन्नता कोई पहले से निर्मित वास्तु नहीं है. वो आपके कर्मो से आती है.

 
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प्रसन्नता कोई पहले से निर्मित वास्तु नहीं है. वो आपके कर्मो से आती है.

दलाई लामा