वो समंदर ही क्या जिसका कोई किनारा न हो, वो इबादत ही क्या जिसमे महाकाल नाम तेरा न हो,

 
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वो समंदर ही क्या जिसका कोई किनारा न हो, वो इबादत ही क्या जिसमे महाकाल नाम तेरा न हो,