निंदा से घबराकर लक्ष्य को मत छोड़े क्योंकि निंदा करने वालों की राय लक्ष्य मिलते ही बदल जाती है

 
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निंदा से घबराकर लक्ष्य को मत छोड़े क्योंकि निंदा करने वालों की राय लक्ष्य मिलते ही बदल जाती है