अरे ओ मेरी जाना ऐसे क्यों रूठ जाना….
ऐसा कौन सा हुआ फ़साना की मुझे तुझे पड़ गया मानना…
अब बस भी कर मेरी जाना…
बोहोत हो गया मुझे तड़पाना…
थोड़ी सी तो दया दिखाना…
मुझसे जो भी गिला शिकवा है उसे दूर कर जा ना…
ओ मेरी जाना प्लीज मुझे माफ कर जा ना…
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अरे ओ मेरी जाना ऐसे क्यों रूठ जाना….
ऐसा कौन सा हुआ फ़साना की मुझे तुझे पड़ गया मानना…
अब बस भी कर मेरी जाना…
बोहोत हो गया मुझे तड़पाना…
थोड़ी सी तो दया दिखाना…
मुझसे जो भी गिला शिकवा है उसे दूर कर जा ना…
ओ मेरी जाना प्लीज मुझे माफ कर जा ना…