ज़हर का भी अपना हिसाब है, मरने के लिए थोड़ा सा और जीने के लिए बहुत सारा पीना पड़ता है.!

 
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ज़हर का भी अपना हिसाब है, मरने के लिए थोड़ा सा और जीने के लिए बहुत सारा पीना पड़ता है.!